आखिरकार दर्जनों मरीजों की जान ले कर ख़त्म हुई रिम्स की हड़ताल


Live Arya
Jharkhand News Desk. 03 May 2018
●Anurag Shrivastava

🔹 आखिरकार दर्जनों मरीजों की जान ले कर ख़त्म हुई रिम्स की हड़ताल

शनिवार से चल रहे रिम्स के नर्स और जूनियर डॉक्टर्स की संयुक्त हड़ताल आख़िरकार रविवार को दर्जनों मरीजो की जान ले कर ख़त्म हो गई। रघुवर सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के आला अफसरों को वार्ता के लिए भेजा और वार्ता सकारात्मक रही। पर उस सकारात्मक वार्ता का क्या फायदा जिसमे सकारात्मक सोच एवं इंसानियत मर गई हो।

रघुवर सरकार एक ओर कहती है कि जो दोषी है उसे सजा मिलेगी पर सजा किसको दोगे और कितने को दोगे। क्या उस एक परिवार को दोगे जिसने नर्सो से एक मरीज के मौत होने पर बदसलूकी की या उन 250 नर्सो और उन जूनियर डॉक्टरों को जिनके वजह से एक दर्जन से अधिक मरीज मारे गए।

माना कि आपके साथ बदसलूकी की गई पर इसका मतलब ये नहीं की इसका खामियाजा 1400 मरीजो को भुगतनी पड़े।

बदसलूकी की गई बुरी बात है पर कुछ दोषियों को सजा दिलाने के लिए हड़ताल कर 12 से अधिक मरीजो की जान लेना और तमाम मरीजो को हलकान करना उससे भी बुरी बात है।

डॉक्टर मरीज के लिए भगवान सरीखा होता है और जब यही डॉक्टर भगवान से हैवान बन जाये तो क्या कहा जाये।

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