रस्सी जल गयी पर बल नही गया
रस्सी जल गई, लेकिन ऐंठन नहीं गई। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए शहीद कैप्टन आयुष यादव के पड़ोसी की टिप्पणी जबरदस्त नाराजगी का इजहार है। श्रीनगर के कुपवाड़ा में कायराना आतंकी हमले में शहीद हुए कानपुर के बहादुर बेटे कैप्टन आयुष यादव के घर सांत्वना देने गए अखिलेश यादव और उनके समर्थकों के अभद्र रवैये से शहीद के माता-पिता के साथ-साथ रिश्तेदार और पड़ोसी भी नाराज हैं। सभी का कहना है कि अखिलेश यदि दुखी परिवार को ढांढस बंधाने आए थे तो अकेले आते। हुल्लड़बाज समर्थकों को लेकर आने की क्या जरूरत थी। इसके अलावा अखिलेश को खुद भी मर्यादित आचरण करना चाहिए था। शहीद के घर में बैठकर खुद को वीवीआईपी जैसा ट्रीट कराने की उनकी इच्छा ओछापन जाहिर करती है। इसके अलावा अखिलेश द्वारा फौजी अफसरों का सम्मान नहीं करना भी आयुष के परिजनों को नागवार गुजरा। पांच मिनट भी इंतजार करना अखिलेश को मंजूर नहीं था शुक्रवार को लालबंगला स्थित डिफेंस कॉलोनी में शहीद कैप्टन आयुष यादव के परिजनों से मिलने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ग्राउंड फ्लोर के कमरे में बैठा दिया गया। आयुष के पापा अमरकांत और मम्मी सरला ऊपरी